दिल्ली के जिलों को मिलेगा 3-3 करोड़ का फंड, कैबिनेट ने 'इंटीग्रेटेड जिला परियोजना फंड' को दी मंजूरी

नई दिल्ली: दिल्ली सरकार ने अपने बजट की एक और घोषणा को आज पूरा कर दिया है. मंगलवार शाम को मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता की अध्यक्षता में बुलाई गई कैबिनेट की बैठक में एकीकृत जिला परियोजना निधि (इंटीग्रेटेड डिस्ट्रिक्ट प्रोजेक्ट फंड/डिस्ट्रिक्ट प्रोजेक्ट फंड) को स्वीकृति प्रदान की है. इससे सभी सरकारी जिलों में छोटे लेकिन ज़रूरी विकास कार्यों को बिना किसी बाधा से पूरा किया जा सकेगा. इन योजनाओं के लिए 53 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है.
कैबिनेट की बैठक के बाद मुख्यमंत्री ने बताया कि यह पहल 'परफॉर्म, रिफॉर्म और ट्रांसफॉर्म' के स्मार्ट सुशासन मंत्र पर आधारित है. सरकार सिस्टम का विकेंद्रीकरण करना चाहती है, ताकि हर स्तर पर विकास योजनाओं को तेजी से पूरा किया जा सके.
कैबिनेट की इस बैठक में मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के अलावा अन्य कैबिनेट मंत्री, मुख्य सचिव और वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे. मुख्यमंत्री ने इस योजना की जानकारी देते हुए बताया कि ये योजनाएं दिल्ली के ज़मीनी स्तर पर विकास को गति देंगी और लोगों को बुनियादी सुविधाएं जल्द और प्रभावी रूप से उपलब्ध कराई जा सकेंगी. इस योजना का उद्देश्य ऐसी विकास परियोजनाओं के लिए फंड उपलब्ध कराना है जो बुनियादी ढांचे, सामुदायिक सुविधाओं और सामाजिक कल्याण पर केंद्रित हों.
इन कार्यों को करने में होगी सुविधा
- बुनियादी ढांचा - सड़कों, पुलों तथा अन्य संरचनाओं (जैसे राजस्व जिलों के कार्यालयों) की मरम्मत से जुड़े छोटे कार्य.
- सामुदायिक सुविधाएं - सामुदायिक केंद्रों, पंचायत घरों एवं अन्य सार्वजनिक सुविधाओं की मरम्मत से जुड़े छोटे कार्य.
- सामाजिक कल्याण- स्कूलों, डिस्पेंसरियों में मरम्मत कार्य, गौशालाओं का रखरखाव, स्ट्रीट लाइट्स का रखरखाव, सीसीटीवी कैमरों का रखरखाव, नालियों का रखरखाव, तालाबों का पुनर्जीवन, तथा शिक्षा और स्वास्थ्य से जुड़ी परियोजनाएं शामिल हैं.
- अन्य परियोजनाएं - सार्वजनिक शौचालयों और पार्कों की मरम्मत/रखरखाव, बाढ़ नियंत्रण प्रबंधन तथा अन्य मरम्मत और रखरखाव से जुड़ी परियोजनाएं जिन्हें सक्षम अधिकारी द्वारा उपयुक्त माना जाए.
बुनियादी सुविधाओं को किया जा सकेगा दुरूस्त
इस फंड से सड़कों, स्कूलों, डिस्पेंसरियों, सामुदायिक केंद्रों आदि जैसी विभिन्न परियोजनाओं को वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी. इस योजना का उद्देश्य स्थानीय आवश्यकताओं की पहचान करना, परियोजनाओं की योजना बनाना तथा जमीनी स्तर पर क्रियान्वयन के लिए संसाधनों का आवंटन करना है. इस योजना का लक्ष्य दिल्ली के सभी 11 सरकारी जिलों में छोटे विकास कार्यों को पूरा करना है. सभी आवश्यक विकास कार्यों को पीडब्ल्यूडी, सिंचाई व बाढ़ नियंत्रण विभाग, दिल्ली नगर निगम आदि के माध्यम से कराया जाएगा. यह योजना संबंधित क्षेत्रों में रहने वाले सभी लोगों के लाभ के लिए बनाई गई है.
दोनों योजनाओं के लिए 53 करोड़ रुपये आवंटित
मुख्यमंत्री के अनुसार यह योजना पूरी तरह दिल्ली सरकार द्वारा वित्तपोषित है. दिल्ली सरकार ने दोनों योजनाओं के लिए कुल 53 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की है. इस राशि में से 20 करोड़ रुपये 'इंटीग्रेटेड डिस्ट्रिक्ट प्रोजेक्ट फंड' के लिए तथा 33 करोड़ रुपये 'डिस्ट्रिक्ट प्रोजेक्ट फंड' के लिए विभिन्न विकास परियोजनाओं के लिए निर्धारित किए गए हैं.
इस हिसाब से हर जिले को 3 करोड़ रुपये दिए जाएंगे. इस योजना का संचालन प्रोजेक्ट अप्रूवल कमेटी (PAC) द्वारा किया जाएगा. इस समिति के अध्यक्ष जिलाधिकारी (डीएम) होंगे और सदस्य सचिव अतिरिक्त जिलाधिकारी (एडीएम) होंगे. समिति में एसडीएम (मुख्यालय), बीडीओ, वरिष्ठतम लेखा अधिकारी तथा लाभार्थी विभाग का प्रतिनिधि सदस्य होंगे. इसका लाभ यह होगा कि छोटे लेकिन जरूरी कार्यों में पूरी तरह से पारदर्शिता होगी और वे तेजी से पूरे हो पाएंगे.
विधायकों के साथ तैनात डेटा एंट्री ऑपरेटर की संख्या और वेतन बढ़ाने को मंजूरी
दिल्ली सरकार ने विधायकों के साथ तैनात डेटा एंट्री ऑपरेटरों (डीईओ) की संख्या दो से बढ़ाकर चार करने को मंजूरी दे दी है. इसके अलावा, श्रम विभाग द्वारा लिपिक और पर्यवेक्षी कर्मचारियों (स्नातक और उससे ऊपर) के लिए निर्धारित न्यूनतम वेतन के अनुरूप डीईओ का मासिक पारिश्रमिक 15 हज़ार से संशोधित कर 24,356 कर दिया है.